-"मैं सव्यसाची बनने के लिए अपनी दायीं बांह दे दूंगा|"
-"यदि सड़क पर आपको काँटा पड़ा मिले तो आप इसे उठा लें|"
-"आप देखकर ही काफ़ी कुछ सीख सकते हैं|"
-"अब वहाँ कोई भी नहीं जाता है| यह काफ़ी भीड़भाड़ वाली जगह है|"
-"मैं सोचते समय अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता हूँ|"
-"पहले की तरह भविष्य नहीं रहा|"
-"मैं अपने बच्चों के लिए इनसाइक्लोपीडिया नहीं खरीदूंगा| वे वैसे ही स्कूल जाएं, जिस तरह मैं जाया करता था|"
-"हमारे पास कुछ नहीं था, लेकिन हमारा समय अच्छी तरह से गुजर रहा था|"
-"मेरे बारे में वो आधी बातें झूठ कहते हैं|"
-"गिलट की कीमत दस सेंट के बराबर भी नहीं है|"
-"यह पूर्वानुभव जैसा है|"
-"यह तब तक खत्म नहीं होगा जब तक यह खत्म नहीं होता|"
-"श्रीमती लिंडसे: "आप यकीनन आकर्षक दिखते हैं|" योगी बेरा: "शुक्रिया, आप स्वयं उतनी हॉट नहीं दिखतीं|"
-"काश! यह दुनिया परिपूर्ण होती तो यह नहीं होता|"
| Entry #11290
Finalist |
- “दुहत्था होने के लिए तो मैं अपना दाहिना हाथ कुर्बान कर दूं|”
- “राह में जब कांटा मिले, तो उठाओ और बिस्मिल्लाह करो|”
- “आंखें खुली रखो तो तुम बहुत कुछ देख सकते हो|”
- “अब वहां कोई नहीं जाता| वहां बहुत भीड़-भड़क्का है|”
- “सोचते समय मैं एक चीज़ पर ध्यान नहीं दे सकता|”
- “कल अब वह नहीं रहा जैसा पहले हुआ करता था|”
“मैं अपने बच्चों को कोई एनसायक्लोपीडिया खरीद कर नहीं देने वाला| उन्हें भी स्कूल तक चल कर जाने दो जैसे मैं जाता था|”
- “हम भटक गए हैं, लेकिन हम अच्छी प्रगति कर रहे हैं|”
- “मेरे बारे में वे जितने झूठ बोलते हैं उनमें से आधे सच नहीं होते|”
- “एक रुपये की कीमत धेलाभर भी नहीं रह गयी है|”
- “यह तो फिर से देजा व्यू वाली बात हो गयी|”
- “बात तब तक खत्म नहीं होती जब तक कि बात खत्म नहीं हो जाती|”
- श्रीमती लिंडज़े: “तुम तो बहुत कूल लग रहे हो|” योगी बर्रा: “शुक्रिया, आप भी कुछ कम ठंडी नहीं दिख रहीं हैं|”
- “अगर दुनिया हर मायने में सही और आदर्श होती, तो इसे दुनिया क्यों कहते|”
| Entry #11237
Finalist |
- “मैं अपनी दाहिनी भुजा सव्यसाची को दूंगा.”
- "जब तुम दोराहे पर आओ तो, उसे ले लेना."
- "तुम अन्दर देख कर ही बहुत कुछ निरख लोंगे."
- "वहाँ अब कोई भी जाता नहीं. वहाँ बड़ी भीड़ भरी है.”
- " जब मैं सोचता हूँ तो मन नहीं लगा पाता हूँ."
- "भविष्य ऐसा नहीं है जैसा होता है."
- "मैं अपने बच्चों को विश्वकोश नहीं दूंगा. उन्हें भी स्कूल जाने दो जैसा मैं करता था.”
-“हम खो चूके है, लेकिन हम अच्छे पल बना रहे हैं.”
- "उनके कहे मेरे सौ झूठ में पचास सही नहीं हैं."
- "चमक की अब कींमत कौड़ी नहीं है."
- "यह सब फिर से पुर्वानुभव जैसा है."
- "जब तक ये खत्म न हो कुछ भी समाप्त नहीं है."
- श्रीमती लिंडसे: "आप निश्चित ही शांत दिख रहे है." योगी बेर्रा: "धन्यवाद, आप अपने आप उतनी उष्ण नहीं लगती हो।"
-"अगर दुनिया परिपूर्ण होती, तो यह नहीं होगा."
| Entry #11224
Finalist |
- "उभय-हस्त बनने के लिए मैं अपना दाहिना हाथ तक दे सकता हूँ।"
- "जब सामने दोराहा हो, तो उसे लें।"
- "आप बस देखकर भी बहुत कुछ अवलोकन कर सकते हैं।"
- "अब वहाँ कौन जाता है! वहाँ बहुत भीड़ होती है।"
- "जब मैं सोचता हूँ तो मैं ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता।"
- "भविष्य अब वैसा नहीं है जैसा हुआ करता था।"
- "मैं अपने बच्चों के लिए विश्वकोश नहीं ख़रीदूँगा। उन्हें स्कूल जाना चाहिए जैसे मैं गया था।"
- "हम खो गए हैं, लेकिन हम समय पर हैं।"
- "वे मेरे बारे में जो आधा झूठ बताते हैं, वह सच नहीं हैं"
- "अब निकल का मूल्य पैसे के बराबर नहीं रहा।"
- "यह कुछ लौटने जैसा है, फिर से वही सब।"
- "बात तब तक ख़त्म नहीं होती जब तक वह ख़त्म नहीं होती।"
- श्रीमती लिंडसे:"आप निश्चित रूप से कूल लगते हैं।"योगी बेरा:"शुक्र है, आप खुद इतनी हॉट नहीं लगतीं।"
- "अगर दुनिया पूर्ण होती, तो यह नहीं होती।"
| Entry #11170
Finalist |
- "दोनों हाथों से कुशल होने के लिए तो मैं कुछ भी कुर्बानी दे दूं, अपना दायां हाथ भी।"
- "जब आप जीवन में दोराहे पर आ जाएं तो सोचना क्या, आगे बढ़ें।"
- "यदि आप गौर से देखेंगे तो बहुत कुछ नज़र आ जाएगा।"
- "अब वहां कोई नहीं जाता। वहां बहुत भीड़ रहती है।"
- "जब मैं सोच रहा होता हूं तो ध्यान एकाग्र नहीं कर पाता।"
- "भविष्य अब वैसा नहीं रहा जैसा होता था।"
- "मैं अपने बच्चों के लिए ज्ञानकोष नहीं खरीदने वाला। वे स्कूल जाकर सीख लेंगे, मैंने भी तो यही किया था।"
- "हम भटक गए हैं लेकिन कोई बात नहीं, तेजी से तो बढ़ ही रहे हैं।"
- "आधे झूठ जो वे मेरे बारे में बोलते हैं, सच नहीं होते।"
- "एक पैसे की कीमत अब धेले भर भी नहीं रही।"
- "अरे, यह तो भूतकाल की जानी-पहचानी घटना लगती है, फिर से वही घट रहा है।"
- "खेल अभी बाकी है, जब तक पूरा नहीं हो जाता।"
- मिसेज लिंद्जी: "निस्संदेह आप बहुत शीतल लगते हैं, शबनम की तरह।" योगी बेरा: "धन्यवाद, आप भी कोई शोला तो नहीं लगतीं।"
- "अगर दुनिया एकदम दोषहीन हो जाए तो परिपूर्ण नहीं रह जाएगी।"
| Entry #11680
Finalist |
-"दोनो हाथों से एक जैसा काम लेने वाला बनने के लिये मैं कुछ भी कीमत चुकाने को तैयार हूँ।"
-"जब दोराहे पर खड़े हों तो दोनो रास्तों पर चलने का प्रयास करिये।"
-"सिर्फ देखने से ही आप काफी कुछ सीख सकते हैं।"
-"अब वहाँ कोई नहीं जाता। वहाँ अब पहले से ही काफी भीड़-भाड़ है।"
-"सोचते समय मैं एकाग्र नहीं हो सकता।"
-"भविष्य अब भूतकाल जैसा नहीं दिखता है।"
-"मैं बच्चों को घर बैठे नहीं सीखने दूंगा। सीखने के लिये, उनको भी मेरी तरह स्कूल जाना होगा।"
-"हलांकि हम खो गये हैं फिर भी मौज कर रहे हैं।"
-"मेरे बारे बोली गयी झूठी बातों में से आधी सही नहीं हैं।"
-"पैसों की अब कोई कीमत नहीं है।"
-"यह कुछ ऐसा है जैसा पहले हो चुका है।"
-"जब तक वाकई पूरा न हो जाय तक तक इसे पूरा मत समझिये।"
-श्रीमती लिंडसेः "आप वाकई जबरदस्त दिख रहे हैं।"योगी बेराः "धन्यवाद, लेकिन आप उतनी जबरदस्त नहीं लग रही हैं।"
-"यदि दुनिया संपूर्ण होती तो इसका अस्तित्व ही नहीं होता।"
| Entry #11918
Finalist |
"उभयहस्त होने के लिए मैं अपना दायाँ हाथ प्रयुक्त करूँगा "
"जब आपको पथ में काँटा चुभे तो उसे ग्रहण करें "
"देख कर आप काफी कुछ का अध्ययन कर सकते हैं "
" अधिक भीड़ भाद होने के कारण अब वहाँ कोई नहीं जाता "
"मैं सोचते समय एकाग्रचित्त नहीं हो पाता "
"भविष्य अब पहले की तरह नहीं रहा "
मैं अपने बच्चों के लिए विश्वकोश नहीं खरीदूंगा .उन्हें मेरी तरह विद्यालय से ज्ञानार्जन करने दो "
"हम खो चुके हैं परन्तु हम अच्छा समय व्यतीत कर रहे हैं "
"वे मेरे बारे में जो भी झूठ कह रहे हैं वह सत्य नहीं है "
"एक निकल का मूल्य अब एक पासे का भी नहीं है "
"यह सम्पूर्ण पूर्वानुभव है "
"सब कुछ समाप्त नहीं होने तक अंत नहीं है "
- श्रीमती लिंडसे "आप वास्तव मैं शांत दिख रहे हैं ." योगी बेर्रा : "धन्यवाद , आप भी बहुत अशांत नहीं दिख रही हैं "
"यदि दुनिया परिपूर्ण होती , तो यह नहीं होती "
| Entry #11801
Finalist |